रांची न्यूज डेस्क: रांची के पिठोरिया में 413 पूर्व सैनिकों के साथ ज़मीन दिलाने के नाम पर हुई धोखाधड़ी का मामला एक बार फिर गंभीर होता दिख रहा है। सीआइडी की जांच में यह बात सामने आई है कि सैनिक वेलफेयर ऑर्गनाइजेशन इंडिया (एसडब्ल्यूओ) के नाम पर इन सैनिकों से करीब 22 करोड़ रुपये की ठगी की गई। अब सीआइडी ने कुछ जरूरी बिंदुओं पर जांच पूरी कर ली है और प्राथमिकी दर्ज करने की अनुशंसा पुलिस मुख्यालय से की गई है। अनुमति मिलते ही सीआइडी आगे की कार्रवाई शुरू करेगी।
इस मामले की शुरुआत बोकारो निवासी रामाकांत सिंह की शिकायत से हुई थी, जिन्होंने आरोप लगाया कि एसडब्ल्यूओ ने भूतपूर्व सैनिकों को पिठोरिया के जमुवारी (बारू) में प्लॉट देने का झांसा देकर पैसे वसूले। वर्ष 2010 से 2012 के बीच चार किस्तों में लगभग 22 करोड़ रुपये वसूले गए। इसमें डीवीसी बोकारो थर्मल और अन्य संस्थानों में कार्यरत कई पूर्व सैनिक शामिल थे। पर न तो सभी की प्लॉट की रजिस्ट्री हुई और जिनकी हुई भी, उनमें भारी गड़बड़ियां पाई गईं।
इससे पहले भी इस मामले में पिठोरिया थाना में केस दर्ज हो चुका था, जिसमें एसडब्ल्यूओ के चेयरमैन रिटायर्ड लेफ्टिनेंट कर्नल राकेश राणा, उनकी पत्नी सरोज राणा, उर्मिल शेहरावत, रिटायर्ड कर्नल एके चोपड़ा, अंकिता शेहरावत और रिटायर्ड सूबेदार मेजर धर्मवीर सिंह (जिनकी अब मृत्यु हो चुकी है) को आरोपी बनाया गया था। लेकिन पिठोरिया पुलिस ने उस समय एफआरटी रिपोर्ट दाखिल कर केस को बंद करने की सिफारिश कर दी थी।
अब जब सीआइडी ने ठगी की पुष्टि कर दी है, तो उम्मीद की जा रही है कि मामले में न्याय मिलेगा और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी। भूतपूर्व सैनिकों के साथ ऐसा छल, जिनकी सेवा देश के लिए रही है, बेहद दुर्भाग्यपूर्ण और चिंताजनक है।